Bedtimes Fairy Tales In Hindi-मेहरबान परी का उपहार 

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जादूई चरखा

आजकल तो दुकानों पर सिले सिलाए रेडीमेड कपड़े आपको हर जगह नजर आते हैं। और इसी तरह आपको खूबसूरत और अच्छे दिखने वाले धागों से बने कपड़ेां के बहुत से दुकानें नजर आ जाती हैं। 

लेकिन पुराने जमाने में लोगों को अपने पहनने के कपड़ों के लिए धागा भी खुद ही बनाना पड़ता था। और फिर उसे धागे से अपने लिए कपड़ा भी खुद ही तैयार करना पड़ता था। 

यकीन जानिए धागा बनाना एक बहुत ही मुश्किल और थका देने वाला काम होता है। इसके लिए बहुत ही ज्यादा मेहनत की जरूरत होती है। मगर जब पुराने जमाने मे तरक्की नहीं हुई थी। 

इसलिए उस जमाने के लोगों की यह मजबूरी होती थी कि, पहले धागा बनाए और उसके बाद उस धागा से कपड़ा बनाएं। 

औरतें इकट्ठा मिलजुल कर धागा बनाती थी

उस जमाने में बड़े-बड़े घरों में भी औरतें इकट्ठा मिलजुल कर धागा बनाती थी।  इस तरह काम भी ज्यादा हो जाता था, और वक्त भी अच्छी तरह से गुजर जाता था। 

अक्सर धनी और जमींदार लोग अपने घरों पर मजदूर औरतों को बुला लिया करते थे। मगर यह बहुत कम लोग होते थे। और उं मजदूर औरतों से धागा और कपड़ा बनवाते थे। 

लेकिन जो गरीब और आम लोग होते थे,उन लोगों के घरों में यह काम अक्सर जो सबसे छोटा होता या जिसके पास काम कम होता घर के वो लोग यह काम करते थे। 

रोज की जिम्मेदारी Bedtimes Fairy Tales In Hindi

जिनको घंटाों लगातार यह काम करना होता था। यह काम लगातार बैठकर ही किया जा सकता है। इसलिए वाकई में यह काम बहुत मेहनत का था। कोई मनोरंजन का तो नहीं होता। 

उसी जमाने में एक गाँव मे छोटी सी रोज नाम कि लड़की थी। रोज अपने घर में सबसे छोटी थी। और उसके जिम्मे पूरे घर वालों के लिए धागा बनाने का काम था। 

वह अपने इस काम से जरा भी खुश नहीं थी। उसका भी दिल करता था कि, वह घर से बाहर जाए, और खूब खेले कूदे। मगर उसको यह काम करना ही पड़ता था। 

रोज के सपने 

पहले धागा बनाना, फिर उसी धागे से कपड़े बनाना, वाकई यह कोई आसान काम तो नहीं है। रोज अक्सर ठंडी आह भरकर यह सोचती थी। मैं कैसे अपनी यह ख्वाहिश पूरी कर सकती हूँ। 

घर से बाहर ताजा हवा में जाऊं। और फिर चमकते हुए धूप में घूमूं फिरूँ। लगातार काम करने मेरी कमर तो अब लगातार दर्द करने लगी है। और मुझे यह काम भी बिल्कुल पसंद नहीं है। 

मुझे अकेले ही यह काम करना पड़ता है। मैं अकेली भला कब तक यह काम कर सकती हूं। यही सोचते सोचते वह अक्सर गहरी सोचो में गुम हो जाती थी। 

रोज कि दादी Bedtimes Fairy Tales In Hindi

उसको इसी तरह सोचो में खोया हुआ देखकर उसकी दादी उसको झिड़कती और कहती। अपने काम में ध्यान दो गंदी बच्ची, तुम अगर धागा नहीं बनाओगी, तो पूरे घर वालों को कपड़ा किस तरह मिलेगा। 

सोचने से, या बेकार बैठे रहने से तो काम नहीं हो जाया करते। तुम्हें अच्छी तरह दिल लगाकर काम करना चाहिए। मगर मैं तो यह देख रही हूं, कि तुम तो बिल्कुल कामचोर होती जा रही हो। 

जब मैं तुम्हारी जितनी थी, तो इस कदर काम करती थी, कि सब लोग हैरान हो जाते थे। मैं पूरा पूरा दिन धागा बनाती, और फिर अच्छे-अच्छे कपड़े भी मैं खुद ही बनाती थी।

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दादी कि झिड़की 

मगर तुम्हारी तरह मैं कभी सोचो में गुम नहीं होती थी। भला यह कोई तुम पर जुल्म और जबरदस्ती तो नहीं है। अपने घर का काम ही तो तुम कर रही हो।  यह भला किसी दूसरे का काम तो नहीं है, कि तुम मायूस हो कर बैठ जाओ। 

यह कह कर उसकी दादी गुलाब के फूल तोड़ती और उनसे गुलदस्ता बनाने के लिए घर के बाहर चली जाती। लेकिन बेचारी कमजोरी सी लड़की मजबूरी में कपड़ा बूनने के लिए चरखा संभाल लेती। 

मेहरबान परी का उपहार Bedtimes Fairy Tales In Hindi

और वह कर भी क्या सकती थी। एक बार इसी तरह बूढी दादी अम्मा नन्ही रोज को झिड़क कर गई थी। और नन्ही रोज मुंह बिसोरे बैठी हुई थी, कि एक मेहरबान परी अचानक खिड़की में आई। 

और कहने लगी, प्यारी बच्ची क्यों उदास बैठी हुई हो, मैं तुम्हारी मदद करूंगी। परी ने मुस्कुराते हुए उसकी तरफ देखा, और फिर बोली, “प्यारी बच्ची मैं तुम्हें जादू का एक चरखा दूंगी”। 

तुम्हारा काम देखते ही देखते खत्म हो जाएगा

वह चरखा कुछ ही देर में पूरे कमरे को धागे से भर देगा। तुम देखते ही रह जाओगी, जब कभी तुम्हारे पास बहुत सा रेशम जमा हो जाए, और तुम उस चरखे पर बहुत जल्दी धागा बना लेना। 

बस फिर तुम्हारा काम देखते ही देखते खत्म हो जाएगा। फिर तुम घर से बाहर जाकर खूब खेल कूद सकती हो। लेकिन प्यारी बच्ची एक बात हमेशा याद रखना, तुम किसी को भी यह बात मत बताना। 

तुम उसको हमेशा राज ही रखना Bedtimes Fairy Tales In Hindi

कि इतनी जल्दी धागा या कपड़ा बनाने का राज क्या है। और यह भी के तुम जिस तरह भी काम हो तुम पलक झपकते में कर सकती हो। इस तरह लोग शक मे पड़ जाएंगे। 

और फिर तुमसे उसका राज जरूर पूछेंगे, मगर तुम उसको हमेशा राज ही रखना। उसके बाद परी ने रोज को आंखें बंद करने को कहा, थोड़ी देर के बाद परी ने रोज से कहा चलो अब आंखें खोल दो। 

जब रोज ने आंखें खोली तो उसने देखा पूरा कमरा ही रेशम से लबालब भरा हुआ है। रोज हैरान होकर यह सब देखती रही और ख्वाब देखने के अंदाज में बोली। 

अपने दुखों और गमों को भूल जाओ

मेहरबान परी यह सारा रेशम तो मैं हफ्तों में भी नहीं खत्म कर सकती। अगर मैं दिन-रात एक कर दूं, तो भी इस रेशम से मैं धागा नहीं बना सकती। तब रोज  को मेहरबान परी ने एक चरखा दिया। 

जिसकी सुई चांदी की तरह चमक रही थी। रोज को यह देते हुए परी बोली, तुम इसको इस्तेमाल करो, और तमाम दुखों और गमों को भूल जाओ। अब तुम्हारी परेशानी दूर हो जाएगी। 

अपने आप धागा बनने लगा Bedtimes Fairy Tales In Hindi

रोज अजीब सी नजरों से परी को देखते हुए चरखे पर काम करने के लिए बैठ गई। उसने जैसे ही रेशम को चरखे कि सुई पर चढ़ाया, तो बड़ी तेजी के साथ धागा बनना शुरू हो गया। 

रोज एक दम से पीछे हट गई, वह बहुत डर गई थी। मगर थोड़ी देर बाद जब उसका डर कम हुआ, तो उसने एक बार फिर से चरखे को संभाल लिया। उसको बहुत ज्यादा हैरानी हुई। 

अब रोज की जिंदगी में खुशियां ही खुशियां थी

कि कुछ ही समय में पूरे कमरे में भरा हुआ रेशम एक अच्छे दर्जे के धागे में बदल चुका था। यह सब कुछ नकाबिले यकीन था। क्योंकि इतना ज्यादा रेशम के धागे बनाने के लिए कम से कम 2 महीना लगातार काम करने से होता था। 

मगर अब जो उसने देखा तो उसको जरा भी यकीन नहीं आया। कियोंकि थोड़ा सा रेशम के तारों को चरखे कि सुई से लगाते ही धागा बनना शुरू हो गया था।  उसके बाद नन्ही रोज की जिंदगी में खुशियां ही खुशियां थी। 

इस राज को अपने तक सीमित रखा Bedtimes Fairy Tales In Hindi

वह अपने कमरे में बंद हो जाती, और जब चाहती खिड़की के रास्ते बाहर खुली हवा में खेलने चली जाती। और जब चाहती अपने पूरे घर वालों के लिए जितना धागा या फिर उससे कपड़ा तैयार कर लेती। 

मगर उसने जरा जल्दी कपड़े तैयार करने के राज को अपने तक सीमित रखा। और उसके घर वालों ने भी उस पर बिल्कुल ध्यान नहीं दिया, वह लोग यही ख्याल करते रहे, कि हमारी लड़की बहुत मेहनत कर रही है। 

रोज अब खुश मिजाज लड़की थी

क्योंकि वह किसी को भी अपने कमरे में आने नहीं देती थी। अब रोज खाली समय में बागों और मैदाने में चली जाती और तितलियों से खूब दिल बहलाती या फिर उन्हीं कि कहानीयो की किताबें पढ़ा करती थी। 

इसके अलावा वह काफी देर तक अपने पालतू कुत्ते के साथ भी खेलती थी। इस तरह अब वह पूरी तरह से खुश मिजाज लड़की थी। और ना ही अब वह काफी काफी देर तक सोचो में घूम रहती थी। 

रोज अपना जादुई चरखा अपने साथ अपने ससुराल ले गई

घर का कोई भी सदस्य उसके इस राज को नहीं जान पाया था। क्योंकि यही तो मेहरबान परी एक नसीहत थी। फिर जब रोज जवान हो गई, तो घर वालों ने उसकी शादी कर दी। 

रोज अपना जादुई चरखा अपने साथ अपने ससुराल ले गई, उससे ये हुआ कि उसके ससुराल वालों की भी तकलीफ कम हो गई थी। रोज जब चाहती थी, कुछ ही मिनट में बहुत ज्यादा धागा तैयार कर लेती। 

जादुई चरखा अलग कमरे में रखा Bedtimes Fairy Tales In Hindi

मगर उसने जादुई चरखा अपने ससुराल में भी एक अलग कमरे में ही रखा था। ताकि उसको काम करते हुए कोई ना देखें, घर वाले उसको रेशम इकट्ठा करके दे देते थे, और वह उसको अपने चरखे वाले कमरे में इकट्ठा करती रहती। 

फिर रेशम से धागा बनाकर उनको बतलाती, की धागा बिल्कुल तैयार हो चुका है, और जब उनको कपड़े की जरूरत होती, तो वह तैयार कर देती। 

रोज बहुत खुश थी Bedtimes Fairy Tales In Hindi

कुछ समय के बाद एक बार फिर मेहरबान परी ने रोज से संपर्क किया। वह यह देखना चाहती थी, कि अब रोज के हालात कैसे हैं, वह आई, तो रोज बहुत खुश थी। 

यह देखकर बहुत ज्यादा खुश हुई, कि रोज बहुत ज्यादा खुश है और उसने चरखे का राज किसी को नहीं बताया, वह कुछ देर रोज से बातें करती रही, और फिर परिस्तान में वापस लौट गई। 

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