Inspirational Stories in Hindi- 2024 प्रेरणादायक हिंदी कहानियाँ

आज हम अपने पाठकों के लिए एक शानदार प्रेरणादायक कहानी [ Inspirational Stories in Hindi ]ले कर आए हैं।

बेमेसाल दोस्ती

राज और राहुल महाराष्ट्र के एक  गांव में पले बड़े थे।

वे बचपन से अभिन्न थे और उन्होंने हमेशा जीवन में बड़ी चीजें हासिल करने के सपने देखे थे।

लेकिन जब वे स्कूल जाने लगे, उनके सपनों की चूनावती शुरू हुई।

गांव का स्कूल बेसुध और बेहतरीन सुविधाओं से वंचित था।

अध्यापक अक्सर अनुपस्थित रहते थे और पाठ्यक्रम पुराने थे। राज और राहुल दोनों ने इन सब कमयों के बावजूद पढ़ाई मे खूब मन लगाया,और अपने सहपाठियों से हमेशा आगे ही रहे।

इसी वजह से अक्सर वो अपने class-mates की मज़ाक का निशाना बनते थे। 

चुनौतियों के बावजूद, राज और राहुल हार नहीं माने। वे हर दिन घंटों अध्ययन करते थे,

अपनी पाठ्यपुस्तकों पर ध्यान देते थे और अपने गणित और विज्ञान कौशलों का अभ्यास करते थे।

वे एक दूसरे की मदद करते थे और सहयोग और प्रोत्साहन पर आधारित गहरी दोस्ती विकसित करते थे।

संघर्ष और साहस:[ प्रेरणादायक हिंदी कहानियाँ ]

उनकी मेहनत अंततः सफल हुई और वे उनके अध्ययन में सफलता पाने लगे।

वे अपने कुछ Class-mates को भी mentor करने लगे जो मुश्किल में थे,

उन्हें मुश्किल अवधारणाओं को समझाने और चुनौतीपूर्ण विषयों को समझने में मदद करने लगे।

लेकिन जब सब कुछ अच्छा लग रहा था तभी एक दुर्भाग्य ने घेर लिया।

राज के पिता का निधन हो गया, जिससे उनके परिवार को बहुत मुश्किलों का सामना करना पड़ा।

राज को अपनी माँ की सहायता करने के लिए अपने school की पढ़ाई को छोड़ना पड़ा।

राहुल को अपने सबसे अच्छे दोस्त के सपने टूटते देखकर बहुत रोना आया और उसका दिल टूट गया,

वो राज से गले लग कर खूब रोया,और राज से कहने लगा, अगर राज स्कूल नहीं जाएगा तो वो खुद भी school नहीं जाएगया।

लेकिन राज ने राहुल से ऐसी बात कह दी के राहुल के पैरों तले धरती खिसक गई। 

राज ने राहुल को कसम दिलाई के वो अपनी इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी करेगा नहीं तो वो राहुल से अपनी दोस्ती खतम करदेगा।

अगर उसे ये दोस्ती कायम रखनी है तो राहुल को राज की खातिर अपनी आगे की पढ़ाई सांपोरण करनी होगी।

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बलिदान [Inspirational Stories in Hindi]प्रेरणादायक हिंदी कहानियाँ.

राहुल बहुत समय तक राज से लिपट कर रोता रहा, अंत मे राहुल ने राज को वचन दिया के वो राज की दोस्ती की खातिर अपनी Engineering पूरी करेगा वो भी First Class.   

उस दिन के बाद राहुल ने पीछे मूड कर नहीं देखा,अपने सपनों पर निराश नहीं हुआ।

वह कड़ी मेहनत करता रहा और लाइब्रेरी में घंटों तक वैज्ञानिक और इंजीनियरिंग पुस्तकों पर ध्यान देता रहा।

अंततः, राहुल की मेहनत सफलता के साथ फलित हुई और उसने शहर में एक प्रतिष्ठित स्कूल में Scholorship हासिल की।

उसे अपने सपनों को पूरा करने का मौका मिलने पर बड़ी खुशी हुई, लेकिन वह एक पल क लिए उदास हुआ क्योंकि उसका दोस्तओसके साथ नहीं था। 

वर्षों बीत गए और राहुल एक सफल इंजीनियर बन गया , शहर में एक प्रमुख कॉर्पोरेशन के लिए काम करते हुए।

लेकिन वो  कभी अपने दोस्त राज को भूला नहीं, जिसे वह गांव में संघर्ष करते हुए जानता था।

सफलता का फल [प्रेरणादायक हिंदी कहानियाँ]

एक दिन, जब राहुल राज के गांव में जा रहा था, उसे  अचंभित होना पड़ा, क्योंकि राज भी एक सफल व्यवसायी बन गया था।

राज ने खेती के ज्ञान का उपयोग करके अपना स्वयं का कृषि व्यवसाय शुरू किया था, जो फलने-फूलने लगा था।

वह खुश था कि उसके दोस्त का व्यापार चल रहा था और उसने यह भी महसूस किया कि मेहनत और दृढ़ संकल्प से कुछ भी संभव हो सकता है।

उसने सोचा कि वह उन अधिकारियों से मिलेगा जो नए स्कूल खोलने की योजना बना रहे थे और उन्हें इस क्षेत्र में शिक्षा के लिए जागरूक करेगा।

एक बार फिर दो दोस्तों ने मिल कर एक Educational Foundation की न्यू रखी।

फाउंडेशन तेजी से बढ़ती गई और जल्द ही यह क्षेत्र में एक प्रमुख बदलाव का एक महत्वपूर्ण बिंदू  बन गया।

हजारों बच्चे जिन्हें कभी स्कूल जाने का मौका नहीं मिला था, अब गुणवत्ता वाली शिक्षा का अधिकार प्राप्त कर सकते थे, राहुल और राज और उसकी टीम के काम के कारण।

निष्कर्ष:  [Inspirational Stories in Hindi ]

राज और राहुल की ये प्रेरणादायक [Inspirational Stories in Hindi ]कहानी दोस्ती, मेहनत और सपनों पर काबू पाने की शक्ति का एक शानदार प्रमाण है।

चाहे आपके सामने कुछ भी आ जाए, आगे बढ़ते रहें और आप अंततः सफलता प्राप्त करेंगे।

और जब आप सफल हो जाएं, अपनी सफलता का उपयोग दूसरों के सपनों को प्राप्त करने में करें, जैसे राहुल और राज ने किया था।

Inspirational Stories in Hindi इस series की अगली कहानी बहुत प्रभावित कर देने वाली है। जरूर पढ़ें।

सबक

पूरा घर रंगों से नहा गया

आज सेठ धरमदास का बंगला रंग बिरंगी लाइटों की बाढ़ में डूबा हुआ था। पांच सौ गज क्षेत्रफल में फैले महल जैसी दीवारों, छतों और लॉन में लगे पेड़ों पर रंग बिरंग की लड़ियां जल रही थीं। 

ऐसा लग रहा था जैसे पूरा घर रंगों से नहा गया हो। और आख़िर ऐसा क्यों न होता। आज उनके सबसे छोटे बेटे उनके लाडले का सातवां जन्मदिन था। वह सेठ धरमदास का आखिरी बेटा था। 

सभी लोगों की आँखों का तारा था:Inspirational Stories in Hindi

जिसका जन्म सात साल की लंबी अवधि के बाद हुआ था। इसीलिए रोहन, सेठ धरमदास और घर के अन्य सभी लोगों की आँखों का तारा था। और सेठ धरमदास तो मानो उस पर जान छिड़कते थे। 

सेठ धरमदास शहर के अमीर लोगों में से थे। तीन कारखाने और दो शो रूम जो शहर के चौक बाजार की शान थे। उनके संबंध तकरीबन शहर के सभी राजनीतिक व्यक्तियों, व्यापारियों और समाज के महत्वपूर्ण लोगों से थे। 

पुत्र की सातवीं वर्षगाँठ

डॉक्टर, वकील और पुलिस के बड़े-बड़े पदों पर आसीन लोग, उनके जान-पहचान के दायरे से बाहर कोई न था। इसलिए आज उनके अत्यंत प्रिय पुत्र की सातवीं वर्षगाँठ के अवसर पर उनके महल के विस्तृत लॉन में शहर के जान-पहचान वाले लोग दिख रहे थे। 

बेटे की साल ग्रह का प्रोग्राम बड़े पैमाने पर किया गया। वेटर मेहमानों को अलग-अलग चीजें परोसते हुए इधर-उधर भाग रहे थे। बंगले के मुख्य द्वार पर सेठ धरमदास स्वयं खड़े होकर अतिथियों का स्वागत कर रहे थे। 

मेहमानों की खातिरदारी Inspirational Stories in Hindi

कुछ मेहमानों के आने पर सेठ धरमदास आगे बढ़ गये। आइए सर, यहां आइए!” उन्होंने शहर के सबसे बड़े ठेकेदार को गले लगाते हुए कहा। क्या करें सेठ धरमदास… एक और प्रोग्राम से निपट कर सीधे यहीं चले आ रहे हैं। ठेकेदार साहब ने हँसते हुए बोला। 

फिर सेठ धरमदास मेहमानों को अंदर ले गये जहाँ कुर्सियों पर मेहमानों की बैठने और खातिरदारी की व्यवस्था थी। मुख्य आयोजन स्थल के अंदर चारों ओर मेजें लगी हुई थीं जिन पर खाने-पीने की चीजें सजी थीं जिनसे मेहमानों का सत्कार किया जा रहा था।

जिसकी साल ग्रह है वही गायब

यह सिलसिला करीब डेढ़ घंटे तक चलता रहा। फिर आया केक काटने का दौर। सभी मेहमान कार्यक्रम स्थल के केंद्र में इकट्ठा हो गए। एक बड़ी मेज पर सात रंगीन मोमबत्तियों से सजाए गए एक बड़े केक के साथ। पर यह क्या..? 

जिसकी साल ग्रह पर यह सारा समारोह रखा गया था वही गायब था। हर तरफ छोटे रोहन की तलाश शुरू हो गई। सेठ धरमदास खुद अपने बेटे को देखने लॉन की तरफ आ गए। 

अंदर का मंजर देख कर उनकी आँखें खुली रह गई

अचानक उनकी नजर घर के आखिरी किनारे पर पड़ी। वहां उन्होंने देखा कि दो वेटर हाथों में ट्रे पर खाने-पीने का सामान लेकर एनेक्सी रूम की ओर जा रहे हैं। उनके पीछे सेठ धरमदास भी एनेक्सी में चले आए। और वेटरों के पीछे वह भी अंदर दाखिल हुए। और अंदर का मंजर देख कर उनकी आँखें खुली रह गई । 

बाबा ने ऐसा कहा था Inspirational Stories in Hindi

उन्होंने देखा कि उनका प्रिय पुत्र दरी पर बैठा है और उसके साथ उसी उम्र के छह-सात बच्चे बैठे हैं। और समारोह में मेहमानों को दी जाने वाली चीजों में से थोड़ा-थोड़ा सा खा रहे हैं। सेठ धरमदास ने प्रश्नवाचक दृष्टि से वेटर की ओर देखा। वेटर ने सिर हिलाया और कहा, “सर! बाबा ने ऐसा कहा था।”

ये सब क्या है बेटा? उन्होंने अपने बेटे से पूछा जो इसी बीच खड़ा हो चुका था। 

मैंने चुपके से यहां बुलवा लिया Inspirational Stories in Hindi

पिताजी, ये मेरे दोस्त दूसरे स्कूलों में पढ़ते हैं। ये लोग गरीब हैं, लेकिन मेरे अच्छे दोस्त हैं, इनके बाप हमारे बराबर नहीं हैं. ये लोग कभी हमारे घर नहीं आ सकते थे।  इसलिए मैंने चुपके से यहां बुलवा लिया। बाबा ने दबी आवाज में अपने अनेक्सी मे होने का कारण बताया। 

खुद को ठगा हुआ महसूस किया

सेठ धरमदास के चेहरे पर शर्मिंदगी के लक्षण दिखने लगे। उन्होंने अपने मिलने जुलने वालों के सामने खुद को ठगा हुआ महसूस किया। और नजरें चुरा ली।  कुछ क्षण बाद उन्होंने अपने बेटे के सिर पर प्यार से हाथ रखा और कहा, ”बेटा, इन्हें अंदर ले चलो।” 

बेटे ने कितनी मासूमियत से सबक सिखा दिया

जो सबक उन्होंने कभी अपने बेटे को सिखाने की कोशिश नहीं की थी। वो  आज बेटे ने उन्हें कितनी मासूमियत से सिखा दिया था। उनका हृदय अपने लिए शर्म और अपने बेटे के लिए गर्व की मिश्रित भावनाओं से भर गया। ,,

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