Best Moral Hindi Stories: रोचक और नैतिक कहानियाँ

आज हम Best Moral Hindi Stories की इस series मे बहुत ही प्रेरणदायक और रोचक कहानियों को पढ़ेंगे।

ईमानदार लकड़हारा

एक बार समय की बात है, एक गाँव मे एक गरीब लकड़हारा रहता था। वह बहुत मेहनती और ईमानदार था। वह हर दिन जंगल में जाता और लकड़ियां काटकर बेचता और अपने परिवार का भरण पोसण करता था।

एक दिन, लकड़हारा जंगल में लकड़ियां काट रहा था कि, उसकी कुल्हाड़ी नदी में गिर गई। लकड़हारे को कुल्हाड़ी के गुम हो जाने का बहुत दुख हुआ। उसके पास दूसरी कुल्हाड़ी नहीं थी।और अब वह लकड़ियां कैसे काटेगा । अपना और अपने परिवार का पेट कैसे भर पाएगा।

लकड़हारा नदी के किनारे बैठकर रोने लगा। अचानक, उसे पानी में कोई चीज  चमकती हुई दिखाई दी । वह उठ कर वहाँ पर गया, तो पानी में देखा कि उसकी कुल्हाड़ी सोने की बन गई है। लकड़हारा बहुत खुश हुआ। उसने सोने की कुल्हाड़ी को उठा लिया और घर चला गया।

लकड़हारा सोने की कुल्हाड़ी को बेचकर बहुत सारे पैसे कमा सकता था। लेकिन वह ईमानदार था। उसने सोचा कि यह कुल्हाड़ी किसी और की होगी। इसलिए, वह राजा के दरबार में गया और सोने की कुल्हाड़ी राजा को दे दी।

राजा लकड़हारे की ईमानदारी से बहुत प्रभावित हुआ। उसने लकड़हारे को इनाम दिया और उसे अपना मंत्री बना लिया। लकड़हारा एक बहुत अच्छा मंत्री साबित हुआ । उसने राजा की ईमानदारी से सेवा की और राज्य की तरक्की मे अपना योगदान दिया ।

नैतिक शिक्षा: हमें ईमानदार रहना चाहिए। कियोंकि ईमानदार आदमी की हमेशा इज्जत होती है।

सच्ची दोस्ती /Best Moral Hindi Stories

एक समय की बात है, एक छोटे से शहर मे दो दोस्त रहते थे, जिनका नाम राम और श्याम था। वो दोनों बहुत अच्छे दोस्त थे । और एक साथ बहुत सारा समय साथ मे बिताते थे।

एक दिन, राम और श्याम जंगल में घूम रहे थे। उन्हें एक पेड़ पर एक पक्षी का घोंसला मिला। घोंसले में दो छोटे-छोटे पक्षी के बच्चे थे।

राम को पक्षी के बच्चे बहुत पसंद आए। उसने कहा, “श्याम, मैं पक्षी के बच्चों को घर ले जाना चाहता हूँ। मैं उनकी देखभाल करूँगा।”

श्याम ने कहा, “लेकिन राम, पक्षी के बच्चे अपनी माँ के बिना नहीं रह सकते। उनकी माँ उन्हें खाना खिलाएगी और उनकी देखभाल करेगी।”

राम ने कहा, “मैं पक्षी के बच्चों को बहुत प्यार से रखूँगा। मैं उनकी अच्छी तरह से देखभाल करूँगा।”

श्याम ने कहा, “अगर तुम पक्षी के बच्चों को घर ले जाना चाहते हो, तो ले जाओ। लेकिन याद रखना, तुम उनकी अच्छे से देखभाल करना।”

पक्षी के बच्चों से प्यार

राम और श्याम पक्षी के बच्चों को घर ले आए। राम ने पक्षी के बच्चों की बहुत अच्छी देखभाल की। वह उन्हें खाना खिलाता था और उनकी साफ सफाई का और पानी ध्यान रखता था। वह उनसे बहुत प्यार करता था।

एक दिन, राम और श्याम खेल रहे थे। राम पक्षी के बच्चों को भूल गया। पक्षी के बच्चे घोंसले से बाहर गिर गए।

श्याम ने पक्षी के बच्चों को घोंसले से बाहर गिरते हुए देखा। उसने पक्षी के बच्चों को पकड़ा और उनके घोंसले में वापस रख दिया ।

राम ने श्याम को पक्षी के बच्चों को बचाते हुए देखा। तो उसे अपनी गलती का एहसास हुआ। उसने श्याम से कहा, “श्याम, मुझे अपनी गलती का एहसास हुआ है। मुझे पक्षी के बच्चों को घर नहीं लाना चाहिए था।”

श्याम ने कहा, “कोई बात नहीं, राम। तुमने अपनी गलती का एहसास कर लिया है। यह एक अच्छी बात है।”

राम और श्याम पक्षी के बच्चों को देखते रहे। कुछ दिनों बाद, पक्षी के बच्चे बड़े हो गए और उड़ने लगे। राम और श्याम बहुत खुश हुए। उन्होंने पक्षी के बच्चों को उड़ते हुए देखा।

नैतिक शिक्षा: हमें अपनी गलतियों से सीखना चाहिए। हमें अपने दोस्तों की बात माननी चाहिए और उनकी मदद करनी चाहिए। सच्ची दोस्ती बहुत कीमती होती है।

दयालु राजा और गरीब आदमी

बहुत पुरानी बात है, एक राजा था । राजा बहुत दयालु था ।  राजा अपने राज्य के लोगों से बहुत प्यार करता था । 

और हमेशा उनकी मदद के लिए तैयार रहता था। एक दिन, एक गरीब आदमी राजा के दरबार में गया और राजा से मदद की गुहार लगाई ।

गरीब आदमी ने कहा, “महाराज, मैं बहुत गरीब हूँ। मेरे पास खाने और पहनने के लिए भी कुछ नहीं है। कृपया मेरी मदद करें।”

राजा ने गरीब आदमी की बात सुनी और उसे सोने के सिक्कों से भरी एक थैली दी। राजा ने कहा, “यह लो, ये सोने के सिक्के हैं। इनसे तुम अपने लिए खाना और कपड़े खरीद सकोगे।”

गरीब आदमी बहुत खुश हुआ। उसने राजा को धन्यवाद दिया और घर चला गया।

Moral Hindi Stories

गरीब आदमी की रहेमदिली

रास्ते में, गरीब आदमी ने एक शराबी आदमी को देखा। शराबी आदमी बहुत गंदा था और उसके कपड़े फटे हुए थे। वह सड़क पर लेटा हुआ था और रो रहा था।

गरीब आदमी ने सोचा, “यह शराबी आदमी भी बहुत गरीब है। उसे भी मदद की जरूरत है।”

गरीब आदमी ने सोने के सिक्कों से भरी थैली से कुछ सिक्के निकाले और शराबी आदमी को दे दिए। शराबी आदमी बहुत खुश हुआ। उसने गरीब आदमी को धन्यवाद दिया और शराब खरीदने चला गया।

गरीब आदमी घर गया और अपने परिवार के लिए खाना और कपड़े खरीदे। वह और उसका परिवार बहुत खुश थे।

राजा को पता चला कि गरीब आदमी ने सोने के सिक्कों से भरी थैली से कुछ सिक्के एक शराबी आदमी को दे दिए। राजा को यह बात अच्छी नहीं लगी। 

उसने उस गरीब आदमी को दरबार में बुलाया और कहा, “मैंने तुम्हें सोने के सिक्के दिए थे ताकि तुम अपने लिए खाना और कपड़े खरीद सको। 

लेकिन तुमने उन सिक्कों से कुछ सिक्के एक शराबी आदमी को दे दिए। यह क्यों किया?”

इंसानियत

गरीब आदमी ने कहा, “महाराज, वह शराबी आदमी भी बहुत गरीब था । उसे भी मदद की जरूरत थी। इसलिए मैंने उसे कुछ सिक्के दे दिए।”

राजा ये सुनकर बहुत प्रभावित हुआ। उसने गरीब आदमी को गले से लगाया और कहा, “तुम बहुत दयालु आदमी हो। तुमने मुझे एक बड़ा सबक सिखाया है। मैं भी अब से गरीबों की मदद करूँगा।”

राजा ने गरीब आदमी को सोने के सिक्कों से भरी एक और थैली दी। राजा ने कहा, “यह लो, ये सोने के सिक्के हैं। इनसे तुम अपने जीवन को और बेहतर बना सकोगे।”

गरीब आदमी बहुत खुश हुआ। उसने राजा को धन्यवाद दिया और घर चला गया।

नैतिक शिक्षा: हमें हमेशा गरीबों और जरूरतमंदों की मदद करनी चाहिए। दयालुता का कोई धर्म या जाति नहीं होता है। अगर हम दयालु बनेंगे, तो दुनिया एक बेहतर जगह बन जाएगी।

ईमानदारी की जीत /Best Moral Hindi Stories

एक समय की बात है, एक छोटे से गाँव मे एक गरीब किसान अपनी पत्नी और दो बच्चों के साथ रहता था। किसान बहुत ही मेहनती था । 

लेकिन वह बहुत गरीब था। वह बहुत कम पैसे कमा पाता था । जिससे उसकी जरूरतें भी पूरी नहीं हो पाती थीं ।

एक दिन, किसान अपने खेत में काम कर रहा था। तभी उसे जमीन में एक गड़ा हुआ घड़ा मिला। किसान ने घड़ा खोला तो देखा कि घड़े में सोने के सिक्के भरे हुए हैं। किसान बहुत खुश हुआ। उसने सोने के सिक्के उठाए और घर आ गया।

किसान की पत्नी ने इतना ज्यादा सोने के सिक्के को देखकर कहा, “पतिदेव, हमें इतने सारे सोने के सिक्के मिले हैं। अब हम अमीर बन जाएंगे। हम इस पैसे से एक बड़ा घर बनाएंगे और अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा देंगे।

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किसान ने अपनी पत्नी से कहा, “हमें ईमानदारी से रहना चाहिए। ये सोने के सिक्के किसी और के हैं। हमें इन सिक्कों को उसके मालिक को लौटा देना चाहिए।”

किसान की पत्नी को किसान की यह बात पसंद नहीं आई। उसने कहा, “पतिदेव, ये सोने के सिक्के हमारे गांव में किसी के भी नहीं हैं। हम इन सिक्कों को रख सकते हैं। कोई भी नहीं जानता कि हमें ये सिक्के मिले हैं।”

लेकिन किसान नहीं माना। उसने अपनी पत्नी से कहा, “हमें ईमानदारी से रहना चाहिए। हमें ये सोने के सिक्के उसके मालिक को लौटा देना चाहिए।”

अगले दिन, किसान सोने के सिक्के लेकर राजधानी गया। वह राजा के पास गया और कहा, “महाराज, मुझे ये सोने के सिक्के जमीन में गड़े हुए मिले हैं। मैं नहीं जानता कि ये सिक्के किसके हैं। मैं ये सिक्के आपको दे रहा हूँ।”

राजा किसान की ईमानदारी से बहुत प्रभावित हुआ। उसने किसान को इनाम दिया और कहा, “किसान, तुम बहुत ही ईमानदार हो। मैं तुम्हें अपनी सभा में एक उच्च पद दूंगा।”

किसान बहुत खुश हुआ। वह राजा का शुक्रिया अदा करके अपने घर वापस आया। किसान की ईमानदारी की वजह से वह और उसका परिवार अमीर और खुशहाल हो गया।

नैतिक शिक्षा: हमें ईमानदारी से रहना चाहिए। ईमानदारी से रहने से हमेशा सम्मान और सफलता मिलती है।

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साहसी कहानियां

दयालु राजकुमार और स्वार्थी व्यापारी: Best Moral Hindi Stories

बहुत समय पहले की बात है , एक देश में एक राजकुमार रहता था। वह बहुत दयालु और अपनी प्रजा से बहुत प्यार करता था और उनकी हर तरह से मदद करता था।

एक दिन, राजकुमार को पता चला कि उसके राज्य में एक व्यापारी रहता है। व्यापारी के पास बहुत सारा धन था, लेकिन वह बहुत ही स्वार्थी और कंजूस था। वह कभी भी गरीबों की मदद नहीं करता था।

राजकुमार ने व्यापारी की मदद करने का फैसला किया। वह व्यापारी के पास गया और उससे कहा, “मैंने सुना है कि तुम बहुत ही गरीब हो। मैं तुम्हारी मदद करना चाहता हूँ।”

व्यापारी बहुत खुश हुआ। उसने राजकुमार से कहा, “राजकुमार महाराज, आप बहुत दयालु हैं। क्या सच में आप मेरी मदद करेंगे ।”

कंजूस व्यापारी

राजकुमार ने व्यापारी को एक बड़ा सा महल और बहुत सारा धन दिया। व्यापारी बहुत अमीर बन गया।

लेकिन व्यापारी स्वार्थी और कंजूस बना रहा। वह गरीबों की मदद नहीं करता था। वह सिर्फ अपने लिए धन इकट्ठा करता था।

एक दिन, राजकुमार को पता चला कि व्यापारी गरीबों की मदद नहीं करता है। राकुमार को बहुत गुस्सा आया । उसने व्यापारी को बुलाया और उससे कहा, 

“मैंने तुम्हें इसलिए धन दिया था ताकि तुम गरीबों की मदद करो। लेकिन तुमने ऐसा नहीं किया। तुमने सिर्फ अपने लिए धन इकट्ठा किया।”

व्यापारी को अपनी गलती का एहसास हुआ। उसने राजकुमार से माफी मांगी और कहा, “राजकुमार महाराज, मैं अपनी गलती मानता हूँ। मुझे माफ कर दीजिए । अब से मैं गरीबों की मदद किया करूँगा।”

राजकुमार ने व्यापारी को माफ कर दिया। व्यापारी ने गरीबों की मदद करना शुरू कर दिया। और वह एक दयालु और मददगार व्यक्ति बन गया।

नैतिक शिक्षा: हमें धन का इस्तेमाल दूसरों की मदद करने के लिए करना चाहिए। अगर हम दूसरों की मदद करेंगे, तो दुनिया एक बेहतर जगह बन जाएगी।

दयालु राजकुमार और लंगड़ा कुत्ता/ Best Moral Hindi Stories

एक समय की बात है, एक राजकुमार था जो बहुत ही दयालु था। वह हमेशा दूसरों की मदद करता था। एक दिन, राजकुमार को रास्ते मे एक कुत्ता मिला। कुत्ता लंगड़ा और बहुत ही भूखा, प्यासा था।

राजकुमार को कुत्ते की हालत देखकर बहुत दुख हुआ। उसने कुत्ते को खाना और पानी दिया। उसने कुत्ते के घावों को भी धोया और पट्टी बांधी।

कुत्ते ने राजकुमार की दयालुता के लिए उसके पैर चाटे। वह राजकुमार का बहुत आभारी था।

राजकुमार कुत्ते को अपने साथ महल मे ले गया। उसने कुत्ते का नाम लकी रखा। लकी राजकुमार का बहुत अच्छा दोस्त बन गया। वह हमेशा राजकुमार के साथ रहता था।

एक दिन, राजकुमार जंगल में जा रहा था । लकी भी उसके साथ था । अचानक जंगल में राजकुमार के सामने एक शेर आ गया । शेर ने राजकुमार पर हमला कर दिया ।

लकी ने राजकुमार को बचाने के लिए शेर पर हमला कर दिया। शेर ने लकी को मार डाला। लेकिन लकी ने राजकुमार की जान बचा ली।

राजकुमार को लकी की मौत का बहुत दुख हुआ। उसने लकी की कब्र बनाई और उसकी कब्र पर एक मूर्ति लगाई।

राजकुमार ने लकी की याद में एक अस्पताल बनवाया। इस अस्पताल में जानवरों का इलाज किया जाता था। राजकुमार जानवरों से बहुत प्यार करता था और वह उनकी मदद करना चाहता था।

घमंड का सर नीचा

खूबसूरत जंगल

एक समय की बात है। एक बहुत खूबसूरत जंगल था उस जंगल में सब जानवर मिलजुल कर रहते थे। हर जानवर वक्त पड़ने पर एक दूसरे की मदद करते थे।  जंगल में एक जगह एक खूबसूरत और बड़ा झरना बहता था। 

इस झरने का पानी जंगल में मौजूद नदियों में तालाबों और दूसरी बड़ी नदियों में जाकर मिलता था। जंगल में ऐसा ही एक तालाब था। जिसमें झरने का साफ पानी बहता  हुआ आता था। उस तालाब में कई तरह की बत्तखें रहती थी। 

बत्तखें

कोई काली थी, तो कोई हल्के भूरे रंग की, कोई बिल्कुल सफेद  उजली। सुबह होते ही सभी बत्तखें तालाब में नहाने और अपने बच्चों को नहलाने लाती थी। और तालाब में जो छोटे-छोटे कीड़े और छोटी-छोटी मछलियां होती थी। बत्तखें उन्हें अपने बच्चों को खिलाती थी। 

इसी तरह बत्तखें बहुत अच्छी जिंदगी गुजार रही थी। लेकिन उसी तालाब में एक बत्तख ऐसी भी रहती थी। जो बहुत सफेद और खूबसूरत थी। उसके पर चमकीले थे, उसकी आंखें बड़ी-बड़ी और गहरी काली रंग की थी। 

खूबसूरत बतख

खूबसूरती में वह सभी बतखों से आगे थी। लेकिन कोई भी बत्तख उससे  जलन नहीं रखती थी। सब उसे आम बत्तखो की तरह समझती थी। हर बत्तख खूबसूरत बत्तख से जब भी मिलती उसकी खूबसूरती की तारीफ करती थी।  

जिसकी वजह से खूबसूरत बत्तख बहुत घमंडी हो गई थी। वह हमेशा अपना  सर अकड़ा-अकड़ा कर तैरती थी। किसी से सीधे मुंह बात भी ना करती थी। इसी तालाब में एक बिल्कुल काली बत्तख भी रहती थी। 

काली बत्तख Best Moral Hindi Stories

काली बत्तख बहुत सीधी-सादी और भोली भाली थी। वह अपने बच्चों में बहुत व्यस्त रहती थी। इसीलिए वह किसी से ज्यादा बात भी ना करती थी। लेकिन जब किसी बत्तख से बात करने का मौका पड़ता, तो वह बहुत अच्छे से मिलती थी। 

वह खूबसूरत बतख से भी बहुत अच्छे से मिलती थी। लेकिन उसने कभी भी खूबसूरत बत्तख की तारीफ नहीं की थी। खूबसूरत बतख को इस बात पर बहुत गुस्सा आता था। की काली बत्तख ने आज तक उसकी कभी तारीफ नहीं की।  

खूबसूरत बत्तख का घमंड Best Moral Hindi Stories

इसी वजह से वह काली बत्तख को बार-बार इस बात का एहसास दिलाते हुए कहती थी कि, तुम तो बिल्कुल काली और बदरंगी बत्तख हो। 

मुझे देखो मेरे उजले उजले चमकीले परों को, देखो क्या तुम्हें अब भी लगता है कि मैं खूबसूरत नहीं हूं। लेकिन काली बत्तख उसकी बात का कभी बुरा नहीं मानती थी। और ना ही कभी वह खूबसूरत बत्तख से बहस करती थी। 

खूबसूरत बत्तख को इस बात पर भी बहुत ज्यादा ज्यादा गुस्सा आता था। इसीलिए वह उसके सामने इठलाती और इतराती फिरती थी। 

बच्चे पिकनिक मनाने के लिए आए

एक बार तालाब के किनारे कुछ बच्चे पिकनिक मनाने के लिए आए। इत्तेफाक से उस दिन तालाब में सिर्फ काली बत्तख और खूबसूरत बत्तख ही तैर रही थीं।  उन बच्चों में कुछ बच्चे बहुत शरारती थे। 

उन्हीं शरारती बच्चों ने तालाब के किनारे बहुत देर तक खूब मस्ती किया। फिर थक कर बैठ गए। उन्हीं में से एक बच्चे को शरारत सूझी उसने सब बच्चों से कहा वह देखो पानी में दो बत्तखें तैर रही हैं। 

खूबसूरत बत्तख पकड़ी गयी Best Moral Hindi Stories

काली बत्तख शायद कोई ना खरीदे, लेकिन सफेद बत्तख बहुत अच्छे दाम में बिकेगी। हम इस बत्तख को बाजार ले जाकर बेच देंगे, तमाम बच्चों ने उसकी राय को पसंद किया। 

और फिर सब बच्चे तालाब में कूद गए और खूबसूरत बत्तख को घेर कर उसे पकड़ लिया। और ले जाने लगे, बत्तख ने बहुत चिल्लाया बचाओ, बचाओ छोड़ दो, मुझे छोड़ दो। लेकिन किसी ने भी उसकी एक ना सुनी। 

खूबसूरती ने उसकी आजादी छीन ली

तब खूबसूरत बत्तख को ख्याल आया, कि आज वह अपने इस खूबसूरती की वजह से पकड़ी गई। जिस पर उसे सबसे ज्यादा नाज़ था। इस खूबसूरती ने उसकी आजादी छीन ली, वह समझ गई कि यह खूबसूरती उसे कुदरती तौर पर मिली थी। 

घमंड का सर नीचा Best Moral Hindi Stories

जिसका उसने घमंड किया। और दूसरों को दिल दुखाया था। इसलिए अब अफसोस के सिवा कुछ नहीं कर सकती थी। इसीलिए हमें भी चाहिए के जो कुदरती तौर से जो हमें मिले, उस पर हमें कुदरत का शुक्र अदा करना चाहिए, ना के गुरूर करना चाहिए क्योंकि गुरूर का सर हमेशा नीचे होता है। 

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